shlovi yojana
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बढ़ाई गई रिटायरमेंट की उम्र, जारी हुआ नया आदेश

सरकारी स्तर पर कर्मचारियों के लिए निर्धारित उम्र के तहत कार्य सेवा का मौका दिया जाता है इसके बाद इनके लिए रिटायरमेंट देकर नए कर्मचारियों के लिए पद नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की आयु 58 वर्ष जारी की गई है।

कई राज्यों में सरकार के द्वारा अपने राज्य में रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है इसी क्रम हाल ही में हिमाचल प्रदेश की सरकार के द्वारा रिटायरमेंट की आयु सीमा में 2 वर्ष तक की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी कर दी है।

राज्य के हाई कोर्ट के द्वारा रिटायरमेंट की उम्र में बढ़ोतरी करते हुए यह निर्देश दिया गया है कि जो कर्मचारी 60 वर्ष के पहले यानी 58 वर्ष में ही रिटायर्ड हो चुके हैं उनके लिए फिर से पदों पर नियुक्त किया जाए। ऐसे रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए अब 2 वर्ष तक पुनः सेवा देने का एक अच्छा अवसर मिलने वाला है।

Retirement Age Increase

राज्य में पदस्थ सरकारी कर्मचारियों के द्वारा रिटायरमेंट की उम्र को लेकर पहले समय से भी आपत्तियां जताई जा रही है जिसके चलते अब सरकार ने इस मुद्दे पर प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया दी है। राज्य में यह निर्णय लागू करते हुए अब कर्मचारियों को नौकरी पर वापस बुलाए जाने का कार्य भी शुरू हो चुका है।

हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार एवं हाईकोर्ट के द्वारा जारी किए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय से वर्तमान में कार्यरत सरकारी कर्मचारी तथा हाल ही में रिटायर्ड हुए कर्मचारी काफी ही खुश हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य में जारी किए गए इस निर्देश से कई राज्य प्रभावित भी है तथा अब वहां पर भी रिटायरमेंट की उम्र पर बहुत ही जल्द निर्णय लिए जा सकते है।

रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई जाने के फायदे

  • अब 58 की उम्र में रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों के लिए पुनः नौकरी पर बुलाया जाएगा।
  • केंद्र स्तर पर प्रदर्शित कर्मचारी अब 2 वर्ष तक अधिक अपने पदों पर सेवा दे पाएंगे।
  • रिटायरमेंट को लेकर हाईकोर्ट में दर्ज किए गए प्रावधान का पालन भी सही तरीके से हो पाएगा।

रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई जाने का कारण

हिमाचल राज्य में दरअसल रिटायरमेंट की उम्र सीमा इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि हाल ही में यहां पर पदस्थ एक महिला कर्मचारियों ने 58 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट हो जाने के कारण हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी।

इस शिकायत की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के द्वारा हाइकोर्ट की खंडपीठ के तहत निर्णय जारी करते हुए यह कहा गया था कि राज्य में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी 10 मई 2001 के पहले या 10 मई 2001 के बाद पदस्थ हुए है तो वह 60 वर्ष की उम्र तक सरकारी नौकरी करने का अधिकार रखते है।

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